दुनिया के रंग दुनिया के ढंग ,
जिन्होंने नारंगी जैसे रंगे हुए फल को "ना रंगी " नाम दे दिया है ,
दूध से जो बनता है उसे "खोया " कह दिया ,
जो चलते हैं उने कहते हैं "गाड़ी" यानी स्थिर
यही ढर्रा है ... इन्ही के साथ जीना हैं ... ऐसे ही रहना है
क्यूंकि न आपको आजीवन अकेले रहना है ना ही आप अकेले कोई परिवर्तन ला सकते हैं
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